Friday, 15 December 2017

पुरानी किताब

कई दिन बाद आज मुझे एक किताब मिली
मेरे बचपन की किताब
शायद मेरी बचपन की कोई याद इसमें छिपी हो
कुछ अनकही कुछ अनसुनी यादे 
किताब कुछ फटी हुई थी, पीले पन्नो से काली स्याही झाँक रही थी
काली स्याही में मेरा बचपन साफ़ साफ़ दिख रहा था
जैसे वो कोई कहानी कहना चाहती हो
मेरे बचपन की सुनहरी कहानी
जिसमे थीं परियाँ , चॉकलेट की दुनिया
कुछ पन्ने पलटने पर  मुझे मिले
कुछ सूखे फूल, कुछ पुरानी यादें
कुछ बीते पल और एक प्यारी सी मुस्कुराहट
 - ऋद्धि

एक  अनसुलझी पहेली                                     ऋद्धि नन्दा अरोड़ा  वो  मनचाही, मनचली, तितलिओं में रंग भरती, बादलों के पीछे भागती, खुशी...