वो देखो उड़ चला मेरा बचपन
तितलियों के पीछे भागता,
माँ के आँचल में झूलता
हँसता-खेलता गुदगुदाता
किलकारियों से भरा मेरा बचपन
देखो उड़ चला…
कोई रोक लो उसे
थाम लो कोई उसका हाथ
छोड़ चला देखो
मेरा बचपन मेरा साथ
नटखट सा, इखलाता हुआ
गुब्बारों-सा रंगीन मेरा बचपन
देखो, उड़ चला…
बेफिक्री के आलम में चल रहा
जवानी की ओर बढ़ रहा
भूल कर सब खेल खिलौने
कागज़ की नाव और सपने सलोने
वो देखो उड़ चला मेरा बचपन
ऋद्धि
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